अध्याय 7 श्लोक 6

एतद्योनीनि, भूतानि, सर्वाणि, इति, उपधारय,
अहम्, कृत्स्न्नस्य, जगतः, प्रभवः, प्रलयः, तथा ।।6।।

अनुवाद: (इति) इस प्रकार (उपधारय) भूल भूलईयां करके (सर्वाणि) सम्पूर्ण (भूतानि) प्राणी (एतद्योनीनि) इन दोनों प्रकृतियोंसे ही उत्पन्न होते हैं और (अहम्) मैं (कृत्स्न्नस्य) सम्पूर्ण (जगतः) जगत्का (प्रभवः) उत्पन्न (तथा) तथा (प्रलयः) नाश हूँ। (6)

केवल हिन्दी अनुवाद: इस प्रकार भूल भूलईयां करके सम्पूर्ण प्राणी इन दोनों प्रकृतियोंसे ही उत्पन्न होते हैं और मैं सम्पूर्ण जगत्का उत्पन्न तथा नाश हूँ। (6)