अध्याय 7 श्लोक 2

ज्ञानम्, ते, अहम्, सविज्ञानम्, इदम्, वक्ष्यामि, अशेषतः,
यत्, ज्ञात्वा, न, इह, भूयः, अन्यत्, ज्ञातव्यम्, अवशिष्यते।।2।।

अनुवाद: (अहम्) मैं (ते) तेरे लिये (इदम्) इस (सविज्ञानम्) विज्ञानसहित (ज्ञानम्) तत्वज्ञानको (अशेषतः) सम्पूर्णतया (वक्ष्यामि) कहूँगा (यत्) जिसको (ज्ञात्वा) जानकर (इह) संसारमें (भूयः) फिर (अन्यत्) और कुछ भी (ज्ञातव्यम्) जानेनेयोग्य (न,अवशिष्यते) शेष नहीं रह जाता। (2)

केवल हिन्दी अनुवाद: मैं तेरे लिये इस विज्ञानसहित तत्वज्ञानको सम्पूर्णतया कहूँगा जिसको जानकर संसारमें फिर और कुछ भी जानेनेयोग्य शेष नहीं रह जाता। (2)